|| Sahara India Latest News || सहारा के सहारा क्यू शॉप प्लान, सहारा क्रेडिट कोआपरेटिव सोसाइटी, सहारा मल्टीपर्पसे, सहारा कमर्शियल, मैं फिक्स डिपाजिट और रेकरिंग अकाउंट के भुगतान न होने के कारण सहारा प्रबंधन और एरिया मैनेजर समेत 6 जनो के खिलाफ FIR दर्ज कराइ गयी हैं। || Sahara India Latest News||
हाल ही मैं PACL चिटफंड कंपनी के जमाकर्ता के लिए अच्छी खबर आई हैं की SEBI द्वारा जमाकर्ता के पैसे वापस करने के लिए ऑनलाइन आवेदन स्वीकारना शुरु किया हैं उसी तरह सहारा चिटफंड कंपनी मैं भी अलग-अलग स्कीमो मैं लाखो लोगो की जमापूंजी अटकी हैं और उसमें भी खास करके सहारा इंडिया रियल एस्टेट कारपोरेशन लिमिटेड (SIRECL) और सहारा हाऊसिंग इन्वेस्टमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (SHICL) के बॉन्ड मैं जिसने भी रकम जमा करवाई थी और जो बाद मैं सहारा द्वारा क्यु शॉप स्कीम मैं कनवर्ट कर दीया गया था।
दरहसल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक 15 % व्याज के साथ SEBI को जो SIRECL और SHICL मे से क्यु शॉप के बॉन्ड में कन्वर्ट किये थें उसी इन्वेस्टर को पैसे वापस देने की बात थी, और उसीका पालन करते हुवे सेबी ने आवेदन तो मगवाये, पर हुवा ये की सेबी ने आवेदन मंगवाने के लिए उसका ठीक से Advetisement ही नहीं कीया साथ ही मैं इन्वेस्टर को उतना टाइम नहीं दिया गया जीसके चलते बहुत ही कम आवेदन मिले और उसमे से सायद ही किसी को पैसा मिला होगा।
सहारा द्वारा जमाकर्ता को गुमराह करना :
इसी तरह सहारा की और भी कई सारी स्कीम हैं जिसमे एफ़डी और आरडी की मेचुरिटी के बाद भी जमाकर्ता को सहारा द्वारा भुगतान नहीं किया जा रहा और यह कह कर की " सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण हमने सेबी को पैसा जमा करवा दिया हैं - यदि आपको पैसे ही चाइये तो एफ़डी या आरडी को आप और दो या तीन साल के लिए री-इन्वेस्टमेंट करवा लीजिये ", हालांकि यह तथ्य सरासर जुठ और भटकाने वाला हैं यह बात हम सभी अच्छे से जानतें हैं।
सहारा के सबंध में सुप्रीम कोर्ट का सही आर्डर :
क्योंकी सहारा ने SIRECL और SHICL मेसे क्यु शॉप मैं जो बॉन्ड कन्वर्ट किये थें उसका पैसा ही इन्वेस्टर को वापस देने की बात थी। फिर भी ज्यादातर लोगो को जानकारी के आभाव मैं और ज्यादा पढ़े लिखे न होने के कारण वापस से मेचुरिटी रकम को री-इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं यातो करवा दीया हैं। और जो नहीं कर रहें हैं वे लोग एजेंट को परेशान कर रहें हैं यातो ब्रांच मैं जाके रोज हल्ला मचा रहे हैं। अब तो हालत यह हो गयी हैं की सहारा के एजेंट और ब्रांच मैनेजर पर आये दिन जमाकर्ता द्वारा जानसे मारने की धमकिया मिल रही हैं और हमले भी हो रहें हैं। वेसे देखा जायेतो जमाकर्ता करे भी तो क्या क्यों की अनपढ़ और छोटे लोग जो ज्यादा कायदे कानून नहीं जानतें और उन्होंने अपनी गाढ़ी कमाई और जमापुंजी जो किसी ने अपनी बेटी की सादी के लिए फिक्स डिपॉज़िट करवाई थी तो किसीने अपने बच्चो के भविष्य की पढ़ाई के लिए और नजाने कीस किस के लिए अपने जीवन की अमूल्य जमापूंजी को सहारा मैं इन्वेस्ट किया हैं।
सहारा मैं इनवेस्ट करने वाले सगे-सबंधि बने दुष्मन :
देखा गया हैं की ज्यादातर चिटफंड कंपनीओ मैं एजेंट अपने सगे -संबंधीयो को ही इन्वेस्ट करवाते हैं और आज हालत यह हो गयी हैं की सगे ही जान के दुश्मन बन गए हैं। कुछ लोग ही हैं जो थोड़े जानकर हैं या पढ़े लिखे हैं वे ही सहारा से मेचुरिटी रकम वापस लेने के लिए कंस्यूमर कोर्ट या फिर पुलिस कंप्लेन कर रहे हैं जो की सही रास्ता हैं। क्योकि PACL इन्वेस्टर की तरह सहारा के इन्वेस्टर के नसीब अच्छा नहीं हैं।
सहारा के कमीशन एजेंट और कर्मचारी भी परेशान :
हम आये दिन सुनते रहतें हैं की सहारा के एजेंट या मैनेजर ने सहारा द्वारा इन्वेस्टर को भुगतान न करने के कारण इन्वेस्टर के दबाव-तनाव के चलतें सूइसाइड कर लीया। ठीक आज से दो दिन पहले ही यानि की दिनांक 23/02/2019 को ही मध्यप्रदेश, जिल्ला - धार के राजगढ़ ठाणे क्षेत्र के निवासी पंकज शर्मा जो की सहारकी फ्रेन्चाइसी के प्रबंधक थें उन्होंने भी अपने ऊपरी अधिकारी के कारण सूइसाइड कर लिया हैं। जो कि बड़े दुःख की बात हैं।अब तो आलम ये हैं की सहारा प्रबंधन इन्वेस्टर को ही पैसा नहीं दे रहा ऐसा नहीं हैं परंतु एजेंट के कमीशन और कर्मचारी की सैलरी भी देने मैं आनाकानी कर रहा हैं अगर कर्मचारी सैलरी या कमीशन को लेकर दबाव बनता हैं तो सहारा प्रबंधन कर्मचारी को कंपनी से निकाल देते हैं। यहा तक की कर्मचारीओ को अपने पी.ऍफ़. के पैसे लेने के लिए भी कोर्ट का सहारा लेना पड़ रहा हैं।
सहारा के पास उपर्युक्त प्रॉपर्टी और पैसे हैं :
कहने का तात्पर्य यही हैं की सहारा प्रबंधन के पास प्रॉपर्टीस और पैसा भी हैं पर उसको देना ही नहीं हैं या भुगतान करने की उसकी दानत ही नहीं हैं और वे सेबी, सुप्रीम कोर्ट का बहाना पटका के भोले भले इन्वेस्टर को गुमराह कर रहा हैं। इससे बचना चाहिए और अपने हक्को के लिए लड़ना चाहिए। पर यह लड़ाई आसान नहीं हैं और एक्के-दुक्के का काम ही नहीं हैं। साथ मिलकर ही कड़ी कारवाही करोगे तभी जेक आपकी सुनी जाएगी जैसे की गुजरात के वड़ोदरा और अमरेली मैं हुआ हैं। और जिस तरह PACL इनवेस्टरों के लिए अच्छी खबर आयी उसी तरह सहारा मैं इन्वेस्ट करने वाले के लिए भी आये।
अँधेरे मैं दिखी रौशनी की किरन :
हालांकि सफलता की शुरुआत हो चुकी है जैसे की पिछले साल तारीख 17/11/2018 को सहारा के खिलाफ गुजरात के वड़ोदरा शहर मैं इनवेस्टरों के द्वारा सहारा के सुब्रोतो रॉय और अन्य ब्रांच मैनेजर समेत 18 जनो पर करीब 5 करोड़ से ज्यादा के भुगतान नहीं होने पर FIR करवाई और जिस मेसे 4 जनो को पुलिस ने तुरंत गिरफ्तार कर लिया, तभी जाके सहारा ने 3 करोड़ रुपए का भुगतान किया और बाकि का भुगतान 3 महिने मैं जमा कराने की बाहेधरी (Surety) दी गई तभी जाके गुजरात हाईकोर्ट ने बेल दी थी। इसी तरह गुजरात के ही अमरेली मैं भी सहारा प्रबंधन और एरिया मैनेजर समेत 6 जनो के खिलाफ तारीख़ 23/02/2019 को FIR दर्ज करवाई गयी हैं।
वड़ोदरा शहर की FIR पढ़े : Click Here(गुज.)
अमरेली की FIR पढ़े : Click Here(गुज.)
वड़ोदरा सेशन्स कोर्ट का बेल आर्डर पढ़े : Click Here(१)_(गुज.)
वड़ोदरा सेशन्स कोर्ट का बेल आर्डर पढ़े : Click Here (२)_(Eng)
गुज.हाइकोर्ट बेल आर्डर पढ़े : Click Here_(Eng.)
1. https://saharashops.blogspot.com/p/sahara-q-shop-plan-h.html?showComment=1551106370856&m=1
2.
https://www.consumercomplaints.in/profile-3382005
3.
https://www.moneylife.in/article/sahara-q-shop-under-sfio-lens-sebi-refunds-rs9856-crore-to-12522-investors-of-sirecl-shicl/55975.html
4.
https://www.consumerforums.in/sahara-q-shop-plan-h-maturity#comment-489369
5.
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